ये करवा चौथ का त्यौहार है
ऐ चाँद,
आज जरा तू जल्दी निकल जाना,
भूखी-प्यासी दिनभर की थकी-हारी,
मेरी घरवाली, छलनी से करेगी मेरा दीदार,
हाथो में रची होगी मेरे नाम की मेहंदी,
हाथ में पूजा की थाली, कर सोलहा श्रृंगार,
मेरे नाम का सिंदूर, भरकर अपनी मांग में,
सातों जन्म रहे साथ, मांगेगी ऐसा वरदान वो,
कर पूजा चाँद की,
मुख देखेगी मेरा छलनी से,
करके दीदार तेरा-मेरा,
पानी पीयेगी मेरे हाथ से,
बढ़ता इससे प्यार है,
ये करवा चौथ का त्यौहार है!!
चाँद का मेरे चाँद का दीदार होगा
साल में एक दिन ये त्यौहार आता है,
हजारों खुशियां संग लाता है,
देख साजन को शर्माती है,
गालो पर प्यारी-प्यारी लाली तब आ जाती है,
बड़े महीनो के बाद में,
चाँद का मेरे चाँद का दीदार होगा,
उफ़ ये नजारा भी कितना खूबसूरत होगा,
आज मेरा मेरे चाँद से मिलन होगा,
सुबह से लेकर पिया का नाम,
शाम अब तक हो गई,
मैंने रखा ख़ुशी से उपवास,
संग रहना सदा तू मेरे पास!!
मांग लाल सिंदूर से भरी होगी
आज वो लाल जोड़े में सजी होगी,
माथे पर बिंदी, हाथो में चूड़ियां,
मांग लाल सिंदूर से भरी होगी,
करके मुझे याद मन ही मन खुश हो रही होगी,
कर सोलहा श्रृंगार वो सजी होगी,
मेरी लम्बी उम्र के लिए,
पुरे दिन भूखी-प्यासी रही होगी,
इससे प्यार अटूट हो जाता है,
कभी ना टूटे ऐसा रिश्ता बन जाता है,
आज तेरे नाम से ही सजना है,
हर जन्म आप ही मिले,
ऐसी मनोकामना करना है,
मेरा सिंदूर हरा-भरा रहे,
भगवान से यही मांगना है!!
सुहागिनों का प्यारा चाँद
मेरी सजनी दिन भर की भूखी प्यासी,
छलनी से करेगी मेरा दीदार,
चाँद की चांदनी-साजन का प्यार,
हाय क्या कमाल का नजारा है,
सुहागिनों का प्यारा चाँद,
लाड-दुलारा है,
करवा चौथ का मन-मोहक ,
सुहागिनों के लिए जल्दी चमकेगा,
देकर दर्शन अपना,
अटूट बंधन में बंधेगा !!
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