Gulzar Lonely Free Poem:- गुलजार, यूँ तो गुलज़ार की बहुत सी कविताये है, जिन्हे लोग बहुत पसंद भी करते है। आज गुलज़ार द्वारा लिखी गई चुनिंदा कविताओं में से कुछ कविताये हम आपके लिए लिख रहे है। जिन्हे पढ़कर आपको अपनी मंजिल की और बढ़ने का हौसला मिलेगा।
Strong Words On Gulzar In Hindi
“कर हर मुकाम फतेह,
थोड़ा-थोड़ा देख चल फिर आहिस्ता जरा,
रुक फिर सोच फिर मंजिल की तरफ पाँव रखो,
ना होने दे आवाज, ना तू मचा शोर कहीं,
अपने ख्वाबो को जरा संभाल,
बिखर गए तो निखर नहीं पाएंगे,
फिर से ये कांच के टुकड़े जुड़ नहीं जायेंगे,
संभलकर रख कदम अपने,
ना तू डगमगा जरा सा भी,
थोड़ा-थोड़ा देख चल फिर आहिस्ता जरा!!”
![Gulzar Lonely Free Poem](https://i0.wp.com/marwadichoudhary.in/wp-content/uploads/2021/11/marwadijobs.com-2021-11-11T213605.689.png?resize=474%2C670&ssl=1)
Gulzar Lonely Free Poem In Hindi
कभी ना किसी ने भी वक्त को देखा है,
कब आता है कब जाता है,
कब बदल जाता है कुछ पता नहीं चल पाता है,
हर वक्त कुछ नया सीखा जाता है,
आकर ख्वाबों में रातो की नींद चैन सब ले जाता है,
मैं था थोड़ा पागल, जो वक्त को पहचान नहीं पाया,
वो मेरे पास कुछ इस तरह आया,
उसकी आहट को मैं सुन नहीं पाया,
सब कहते रहे सम्भल जा वक्त रहते,
और मैं पागल वक्त से ही वक्त की पहचान मांगने लगा,
एक नजर उठाकर जब मैंने पीछे देखा,
तब समझ आया जो गया वो मेरा कल था,
अब जो है वो मेरा आज है,
ये वक्त कभी नहीं ठहरता किसी के भी लिए,
वक्त रहते सम्भलना वक्त ने ही सीखा दिया!!”
![Gulzar Lonely Free Poem](https://i0.wp.com/marwadichoudhary.in/wp-content/uploads/2021/11/marwadijobs.com-2021-11-11T213645.668.png?resize=489%2C692&ssl=1)
Gulzar Painful Thoughts With Image
बात उन दिनों की दिलो दिमाग में छ गई है,
मेरे आंगन में वो पेड़ लगा खड़ा अकेला था,
फैलाये अपनी शाखाये, जैसे बुला रहा हो मुझे अपने पास,
एक फ़रिश्ते की तरह वो ठंडी छाया दे रहा था,
हर रोज आते रहते पंछी कई,
उसकी टहनियों पर गाते गीत कई,
उड़कर वो दिखलाते अपना हुनर,
छू कर आसमा को भरते एक उड़न नै,
फिर एक दिन आया अचानक आंधी-तूफान,
लेकर गया उस अकेले को दूर कई!!”
![Gulzar Lonely Free Poem](https://i0.wp.com/marwadichoudhary.in/wp-content/uploads/2021/11/marwadijobs.com-2021-11-11T213926.667.png?resize=496%2C702&ssl=1)
Best Free Gulzar Poem Download
यूँ तो किताबो में छिपा है भंडार ज्ञान का ,
पर उन्हें पढ़े इतना किसी के पास समय कहाँ,
अब वो मेरी अलमारी से झांकती मेरी और ,
होकर मायूस छिप जाती सूरज सी वो वही कही,
अब तो बच्चे देखते मोबाइल है,
ये देखकर होती उदास ये किताबे हर रोज,
अब तो अलमारी में वर्षों तक रहने की,
आदत सी हो गई है,
उनके ज्ञान को मोबाइल से जोड़ गई है,
जिन्हे पढ़ते मोमबत्ती जलाकर,
अब लाइटों ने उनकी जगह छीन ली,
किताबो के जज़्बात बिखर गए,
बात जब मोबाइल की आई है!!”
![Gulzar Lonely Free Poem](https://i0.wp.com/marwadichoudhary.in/wp-content/uploads/2021/11/marwadijobs.com-2021-11-11T214102.627.png?resize=499%2C706&ssl=1)
अगर आप इसी तरह हमारी वेबसाइट से जुड़े रहना चाहते है, तथा ऐसी ही बेहतरीन और प्रेमभाव से भरी शायरिया पढ़ना चाहते है। तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करे। धन्यवाद।
The truth of Life Quotes in Hindi-2021
New Thoughts On Self Motivation In Hindi
Love Yourself Quotes For A Happy Life
Best At largest Poetry On Selfish Hindi2