आज हम इन्ही आजाद ख्यालों के पक्षियों के ऊपर बहुत ही बेहतरीन कविताये आपके लिए लेकर आये है। आशा करता हूँ आप सबको बहुत पसंद आएगी।
“चिड़िया रानी, चिड़िया रानी,
बोले कितनी ये मीठी वाणी,
सच बताओ चिड़िया रानी,
क्या संदेसा लाई हो,
तुम अपने पीहर से कब आई हो,
बहुत दिनों बाद आज,
कैसे मेरी डाली पर परछाई डाली हो,
इतना मीठा बोलकर किसे बुला रही हो,
बता दो हमे भी, क्या खूब राग की रंगत पाई हो,
चिड़िया रानी की मीठी वाणी,
अपनी माँ से हो क्या पाई हो,
माँ से ही तुमने मीठी बोलनी सीख आई हो,
डाल-डाल पर गाना गाती,
उड़ना फिरना खूब मौज उड़ाती,
जिसने भी तुम्हे ये सिखलाया है,
मीठे बोल बोलना अपनी माँ से ही तुमने पाया है,
बड़ी प्यारी हो तुम, जो बात अपनी माँ की मानी हो,
इसलिए तो चिड़ियों की तुम रानी हो!!
हम भी जमाये कुछ कैच Birds Poem
तोता बोलै मैना से,
आओ बहन खेल खेल,
रंगमंच की इस दुनिया में,
हम भी जमाये कुछ कैच,
सब मिलकर ही खेलेंगे,
ये खेल निराला, होगा ना कोई मतभेद,
रबर की गेंद और ले हाथो में बल्ला,
मैदान में मचा देंगे मिलकर आज सब हल्ला,
मैना ने दिखलाई फुर्ती,
कसकर मारा चौका,
देख ये तोता तो बेचारा रह गया हक्का बक्का,
घबराकर वे गिर गया जमी पर,
मैना बोली तू तो है छल-कपटी!!
छम-छम घुंघरूं बांधे Poem About Birds
भालू की शादी,
ढम-ढम , ढम-ढम , बजे ढोल नगाड़े,
कूद-कूद कर सब है नाचे,
छम-छम घुंघरूं बांधे,
मोर भी अपनी कला दिखाए,
देख कोयल की कू-कू,
कौआ भी कावं कावं करे,
सब बोले मीठा मीठा गाना,
भालू की शादी में है बस,
खूब जमकर मौज उड़ाना!!
चाँद मामा, चाँद मामा,
क्यों करते हो जी इतना हंगामा,
छोडो भी अब गाल फूलना,
कर लो दोस्ती बनाओ अपनी दस्ताना,
बात मेरी मान लो न मामा,
पहले सिख लो सारेगामा !!
चूहे राजा, चूहे राजा,
इतने सज-धज के कहा को जा रहा,
बता भी दो जी राजा, कहा को है तुम साँजा,
बोला सुनकर चूहा ये,
मैं जाऊंगा बड़े बाजार,
लेकर वहा खाऊंगा आम का अचार,
सुनो, बच्चो वहा की पानीपुरी अजब है,
आम के अचार का तो स्वाद ही गजब है,
रामु काका की दही पूरी,
खाऊंगा मैं मिलाकर उसमे रबड़ी,
फिर आऊंगा में झटपट-झटपट,
आकर बिल में घुस जाऊंगा फट-फट, फट-फट!!
रामु काका कहा को गए
यहां गए जी वहा गए,
सुनो तो जरा गौर से जनाब,
हमको भी तो बतलाओं रामु काका कहा को गए,
जहा भी रामु जाता है,
हंगामा मचा लाता है,
दुनिया करके उथल-पुथल,
हर जगह ड्रामा फैला जाता है,
गए बाजार, देखि पकोड़ी,
भूल गए खो दिए होश,
रामु काका ने डाले हाथ कड़ाही में,
सीधे पहुंच गए हॉस्पिटल के बेड,
वहा देखे अनेको मरीज,
आया होश भाग गए हो मदहोश,
देख ये सब पुलिस आई,
रामु काका को जेल में पकड़ लाई,
रामु काका जपता एक ही राज,
पकोड़ी को बुला लाओ मेरे पास!!