20 Poem about Childhood- कहाँ वो पल
ना किसी का डर था,
न किसी का खौफ
अब कहा वो पल है,
कहाँ वो खास दिन
होता इंतज़ार शाम का,
जब मम्मी खिलाती गोद में
पापा भी लाते खिलोने अपार,
अब कहाँ वो पल है,
कहाँ वो खास दिन!!
Best Poem About Childhood- मेरा प्यारा संसार
वो कागज की कस्ती,
वो बारिश की बूंदे,
यारों का संग वो,
स्कूल की वो यादें
सुबह उठते स्कूल जाते,
कब छुट्टी होगी इंतज़ार करते
घर आकर बस्ता रखते,
मम्मी से छिपकर बाहर खेलने भाग जाते
मम्मी ढूंढ़ती इधर-उधर,
मैं छुप जाता मम्मी के ही पीछे किधर
जब मम्मी थक-हारकर घर को जाती,
मैं मम्मी को पीछे से आवाज देकर चिढ़ाता
खूब होती मेरी कुटाई ,
फिर लुटाती प्यार अपार
यही है मेरा प्यारा संसार!!
poem on childhood memory- बचपन की बात
वो भी क्या पल थे,
ना हाथ में पेन-पेन्सिल,
ना सर पर जिम्मेदारियों का बोझ,
खुद में ही मस्त थे,
वो भी क्या दिन थे!!
अब कहाँ वो बात है,
अब कहा वैसे पल है,
वो पल भी कितने अनमोल थे,
जो छूट गए सभी,
खैर ये तो बचपन की बात है!!
Love Poem In Hindi- हसीं पल
बचपन भी क्या खूब था,
लिखने का अत-पता नहीं,
सपने हजारों मैं बुनता,
तब तेरी मेरी नहीं थी,
बस हाथ में बेट-बल्ला
अपने यारो का साथ था,
जब रूठ भी जाते एक दूसरे से,
तो मिनटों में मना लेते थे,
वो भी क्या हसीं पल थे !!
Short Poem In Hindi- मेरे माता-पिता
मेरी तक़दीर में एक भी
दर्द नहीं होता,
अगर तक़दीर लिखने का हक़
मेरे माता-पिता को होता!!
Poems In Hindi- वो बचपन था
सवेरा हुआ नहीं की पढ़ने जाता,
पेन-पेन्सिल बस्ते में रखता,
नहा-धोकर तैयार होता,
स्कूल की वो मै ड्रेस पहनता,
ऊपर लगाता टाई प्यारी,
पहनकर आई-कार्ड स्कूल को चलता,
भूल जाता कभी सिर पर टिका लगाना,
पड़ती डाट, ऊपर से लगती पेनल्टी अलग,
बहुत गुसा आता मुझे उनपे ,
मेरी माँ के पैसे जब वो ऐसे लुटते,
करता मन भाग जाऊ यहां से,
एक रुपया भी न दूँ,
पर डरता माँ की डाट से,
पापा की मार से,
अब तो सब सपना सा ही रह गया,
वो बचपन था मेरा,
ये बुढ़ापा आ गया!!