Moon World Light:- दोस्तों इस पोस्ट में हमने चाँद पर कुछ बेहतरीन कवितायें – Hindi Poems on Moon शेयर की है| हम उम्मीद करते हैं आपको हमारी कवितायें पसंद आएँगी| यदि आप हिंदी में चंद्रमा पर सर्वश्रेष्ठ कविता ढूंढ रहे हैं तो आप एकदम सही जगह पर आये हैं। यहां मैं आपके साथ हिंदी में Moon Poem In Hindi पर एक अनूठी कविता आपके साथ शेयर कर रहा हूं।
Poetry About The Moon
“रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद,
आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है,
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता,
और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है”
“जानता है तू कि मैं कितना पुराना हूँ,
मैं चुका हूँ देख मनु को जन्मते-मरते,
और लाखों बार तुझ-से पागलों को भी,
चाँदनी में बैठ स्वप्नों पर सही करते”
“मैं न बोला किन्तु मेरी रागिनी बोली,
देख फिर से चाँद,
मुझको जानता है तू,
स्वप्न मेरे बुलबुले हैं,
है यही पानी,
आग को भी क्या नहीं पहचानता है तू”
“मैं न वह जो स्वप्न पर केवल सही करते,
आग में उसको गला लोहा बनाती हूँ,
और उस पर नींव रखता हूँ नये घर की,
इस तरह दीवार फौलादी उठाती हूँ”
“मनु नहीं, मनु-पुत्र है यह सामने,
जिसकी कल्पना की जीभ में भी धार होती है,
वाण ही होते विचारों के नहीं केवल,
स्वप्न के भी हाथ में तलवार होती है”
“स्वर्ग के सम्राट को जाकर खबर कर दे,
रोज ही आकाश चढ़ते जा रहे हैं वे,
रोकिये, जैसे बने इन स्वप्न वालों को,
स्वर्ग की ही ओर बढ़ते आ रहे हैं वे”
“सुखी टहनी, तन्हा चिड़िया,
फीका चाँद आँखों के सहरा में एक नमी का चाँद,
उस माथे को चूमे कितने दिन बीते,
जिस माथे की खातिर था एक टिका चाँद,
पहले तू लगती थी कितनी बेगानी,
कितना मुब्हम होता है पहली का चाँद,
कम कैसे हो इन खुशियों से तेरा गम,
लहरों में कब बहता है नदी का चाँद,
आओ अब हम इसके भी टुकड़े कर ले,
ढाका रावलपिंडी और दिल्ली का चाँद”
Poetry About Crossword Blue
“यह चाँद नया है नाव नई आशा की,
आज खड़ी हो छत पर तुम,
होगा चाँद निहारा,फूट पड़ी होगी नयनों से,
सहसा जल की धारा,
इसके साथ जुड़ीं जीवन की कितनी मधुमय घड़ियाँ,
यह चाँद नया है नाव नई आशा की,
सात समुंदर बीच पड़े हैं हम दो दूर किनारे,
किंतु गगन में चमक रहे हैं दो तारे अनियारे,
मैं इनके ही संग-सहारे स्वप्न तरी में बैठा,
गाता आ जाऊँगा तुम तक एका की,
यह चाँद नया है नाव नई आशा की”
“हठ कर बैठा चान्द एक दिन,
माता से यह बोला,
सिलवा दो माँ मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला,
सन-सन चलती हवा रात भर जाड़े से मरता हूँ,
ठिठुर-ठिठुर कर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूँ”
“आसमान का सफ़र और यह मौसम है जाड़े का,
न हो अगर तो ला दो कुर्ता ही कोई भाड़े का,
बच्चे की सुन बात, कहा माता ने ‘अरे सलोने`,
कुशल करे भगवान, लगे मत तुझको जादू टोने”
“जाड़े की तो बात ठीक है,
पर मैं तो डरती हूँ,
एक नाप में कभी नहीं तुझको देखा करती हूँ,
कभी एक अँगुल भर चौड़ा,
कभी एक फ़ुट मोटा,
बड़ा किसी दिन हो जाता है,
और किसी दिन छोटा”
“हंसकर बोला चान्द, अरे माता, तू इतनी भोली,
दुनिया वालों के समान क्या तेरी मति भी डोली,
घटता-बढ़ता कभी नहीं मैं वैसा ही रहता हूँ,
केवल भ्रमवश दुनिया को घटता-बढ़ता लगता हूंँ”
Poetry About Moon-2022
“आधा हिस्सा सदा उजाला, आधा रहता काला,
इस रहस्य को समझ न पाता भ्रमवश दुनिया वाला,
अपना उजला भाग धरा को क्रमशः दिखलाता हूँ,
एक्कम दूज तीज से बढ़ता पूनम तक जाता हूँ”
“फिर पूनम के बाद प्रकाशित हिस्सा घटता जाता,
पन्द्रहवाँ दिन आते-आते पूर्ण लुप्त हो जाता,
दिखलाई मैं भले पड़ूँ ना यात्रा हरदम जारी,
पूनम हो या रात अमावस चलना ही लाचारी”
“चलता रहता आसमान में नहीं दूसरा घर है,
फ़िक्र नहीं जादू-टोने की सर्दी का,
बस, डर है दे दे पूनम की ही साइज का कुर्ता सिलवा कर,
आएगा हर रोज़ बदन में इसकी मत चिन्ता कर”
“अब तो सर्दी से भी ज़्यादा एक समस्या भारी,
जिसने मेरी इतने दिन की इज़्ज़त सभी उतारी,
कभी अपोलो मुझको रौंदा लूना कभी सताता,
मेरी कँचन-सी काया को मिट्टी का बतलाता”
‘मेरी कोमल काया को कहते राकेट वाले,
कुछ ऊबड़-खाबड़ ज़मीन है,
कुछ पहाड़, कुछ नाले,
चन्द्रमुखी सुन कौन करेगी गौरव निज सुषमा पर ,
खुश होगी कैसे नारी ऐसी भद्दी उपमा पर”
Famous Poetry About beautiful Moon
“कौन पसन्द करेगा ऐसे गड्ढों और नालों को,
किसकी नज़र लगेगी अब चन्दा से मुख वालों को,
चन्द्रयान भेजा अमरीका ने भेद और कुछ हरने,
रही सही जो पोल बची थी उसे उजागर करने की”
“सुहाना भ्रम दुनिया का क्या अब मिट जाएगा,
नन्हा-मुन्ना क्या चन्दा की लोरी सुन पाएगा,
अब तो तू ही बतला दे माँ कैसे लाज बचाऊँ,
ओढ़ अन्धेरे की चादर क्या सागर में छिप जाऊँ”
“मौन में डूबी निशा है,
मौन-डूबी हर दिशा है,
रात भर में एक ही पत्ता किसी तरु ने गिराया,
चाँदनी में साथ छाया”
“एक बार विहंग बोला,
एक बार समीर ड़ोला,
किसी पखेरू ने परों को फड़फड़ाया,
चाँदनी में साथ छाया”
“चाँद-सितारे, मिलकर बोले,
कितनी बार गगन के नीचे अटल प्रणय का बंधन टूटे,
कितनी बार धरा के ऊपर प्रेयसि-प्रियतम के प्रण टूटे,
चाँद-सितारे, मिलकर बोले”
Moon World Light
“कहना कि कोई सखी है धरती पर भी,
है एक चाँद है जिसे तुम्हारे लौटने का इंतज़ार है,
कहना कि छोटा नहीं है उसका दिल स्वीकार है,
उसे एक और चाँद चाहे तो चली आए तुम्हारे संग,
उड़नखटोले में बैठकर मंगल गीत गाती हुई,
धरती के आँगन में स्वागत है”
“उड़नखटोले से होती रहे आकाश के चांद की बात,
पृथ्वी के सगे-संबंधियों और अपने चाँद की आती रहे याद”
“जाओ जो चाहो तो जाओ जाओ आकाश के,
चाँद के पास तो लेते जाओ उसके लिए धरती का,
जीवन और संगीत मिलो आकाश के चाँद से,
तो पहले देना धरती के चाँद की ओर से,
भेंट-अँकवार फिर धरती की चंपा के फूल,
धरती की रातरानी की सुगंध धरती की चाँदनी,
का प्यार धरती के सबसे अच्छे खेत धरती के,
ताल-पोखर धान और गेहूँ के उन्नत बीज,
थोड़ी-सी खाद और एक जोड़ी बैल देना”
दोस्तों आपको हमारी Hindi Poems on Moon कैसी लगी, हमे कमैंट्स में जरूर बताएं, इन कविताओं को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें| धन्यवाद।
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