अन्तर्राष्ट्रीय पशु दिवस हर वर्ष 4 अक्टूबर को मनाया जाता हैं. “Animal Poetry For Kids” इस दिवस को मानाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को जानवरों के प्रति उनके अधिकार और उनके कल्याण के लिए जागरूक करना होता हैं. इसके लिए पूरी दुनिया में 4 अक्टूबर को अनेकों कार्यक्रम आयोजित किया जाता हैं. इसकी शुरुआत पहली बार जर्मनी से हुई थी।
जानवर ऐसे प्राणी होते हैं, जो अपनी बात बोल नहीं पाते हैं लेकिन फिर भी हमारे लिए बहुत ही मददगार होते हैं। उनकी मदद की वजह से ही हम कुछ ऐसी चीजें प्राप्त होती हैं, जो हम अपने जीवन में कर पाते हैं।
ऐसे में अगर प्यार से उन जानवरों को कविताओं में विशेष स्थान देंगे तो निश्चित रूप से यह बहुत ही अच्छा उपाय होगा जो जानवरों के प्रति हमारे प्रेम को दर्शाएगा।
Short Animal Poetry
“हम भी वहाँ निशान छोड़कर अपना,
फिर वापस आ जाते,
शायद कभी खोजते उसको और बहुत-से बच्चे आते,
तब मैं अपने पैर पटक, हिन-हिन करता,
तुम भी खुश होते, कितनी नकली दुनिया,
यह अपनी तुम सोते में भी कहते,
लेकिन अपने मुँह में नहीं लगाम डालने देता,
तुमको प्यार उमड़ने पर वैसे छू लेने देता अपनी दुम को,
नहीं दुलत्ती तुम्हें झाड़ता, क्योंकि उसे खाकर तुम रोते,
लेकिन सच तो यह है बच्चो, तब तुम ही मेरी दुम होते”
“चाचा की यह छड़ी नहीं है,
है यह मेरा घोड़ा,
जी चाहे तो तुम भी इस पर,
चढ़ सकते हो थोड़ा,
भूसा चारा दाना पानी,
एक न पीता खाता,
छोड़ मदरसा और गाँव में,
सभी जगह है जाता”
Animal Abuse Poetry
“एक छछूंदर धोती पहने,
गया कराने शादी,
उसके साथ गई जंगल की आधी-सी आबादी,
जब छछूंदरी लेकर आईं, फूलों की वरमाला,
छोड़ छछूंदर, चूहेजी को, पहना दी वह माला,
इस पर कुंवर, छछूंदरजी का भेजा ऊपर सरका,
ऐसा लगा भयंकर बादल, फटा और फिर बरसा,
बोला, अरी बावरी तूने, ऐसा क्यों कर डाला,
मुझे छोड़कर चूहे को क्यों, पहना दी वरमाला,
वह बोली -रे मूर्ख छछूंदर, क्यों धोती में आया,
जानवरों के क्या उसूल हैं, तुझे समझ ना आया,
सभी जानवर रहते नंगे, यह कानून बना है,
जो कपड़े पहने रहते हैं, उनसे ब्याह मना है”
“जंगलों से चले जंगली जानवर शहर में आ बसे जंगली जानवर,
आदमी के मुखौटे लगाए हुए हर कदम पर मिले जंगली जानवर,
आप भी तीसरी आँख से देखकर खुद ही पहचानिए जंगली जानवर,
एक औरत अकेली मिली जिस जगह मर्द होने लगे जंगली जानवर,
आप पर भी झपटने ही वाला है वो देखिए…देखिए..जंगली जानवर,
आजकल जंगलों में भी मिलते नहीं आदमी से बड़े जंगली जानवर”
Animal Poetry For Children
“इस मामले में जानवर भी,
हमसे ज्यादा समझदार निकले,
सुना नहीं मैंने कोई जानवर अपनी जान खुद ले ले,
कुत्तों से प्यार, मुर्गा और बकरी हलाल,
वाह रे इंसान तू सोचता है कमाल”
“इंसान ने तो जैसे हैवानियत को भी,
शर्मशार करने की कसम खाई है,
तभी तो एक निमूह जानवर पर भी,
उसने इस कदर कहर बरसाई है,
गाँव के लोग गाय पालते है,
और दूध खाते है,
शहर के पढ़े-लिखे लोग कुत्ता पालते है,
इंसान भी जानवर बन जाते हैं,
जब वो लालच और घृणा से भर जाते हैं”
“सही और गलत का फर्क जानवर भी जानते हैं,
वो अलग बात है कि हम इसे नहीं मानते है.
किसी इंसान को जानवर की गाली देकर,
जानवर का अपमान न करे,
बस देखने वालों की नजर में अंतर है,
वरना जानवर आज के इंसान से बेहतर है”
“जानवर तो बेवजह ही बदनाम है,
इंसान से ज्यादा कोई खूंखार नही,
जब इंसान से इंसानियत खो जाती है,
उसकी शख्सियत जानवर सी हो जाती है,
प्यार करना जानवरों से सीखों,
स्वार्थ लेस मात्र नहीं होता हैं”
Funny Animal Poetry
“यदि प्रकृति, पशु-पक्षी बोल सकते तो,
इंसानियत बड़ी शर्मिंदा और मायूस होती,
जानवर भी बोलते है और बात करते है,
उनसे जो उन्हें सुनते है और समझते हैं,
एक जानवर की आँखों में,
भाषा बोलने की एक महान शक्ति होती है,
मानवता आज भी जीवित है,
किन्तु वह मानव से जानवरों में स्थानांतरित हो गयी है,
आज के युग में नकाबी चेहरे,
जानवरों से भी ज्यादा खतरनाक है”
“प्रेम की भाषा हर कोई समझता है,
चाहे वो इंसान हो या जानवर,
अगर एक आत्मा का मतलब है कि प्रेम ,
वफ़ादारी और कृतज्ञता महसूस करने में सक्षम होना,
तो जानवर, मनुष्यों से ज्यादा बेहतर है,
ईश्वर, ख़ुदा जब हर जीव में है तो फिर,
हम जानवरों को मारकर क्यों खाते हैं?
इनकी बलि क्यों चढ़ाते है?
जरा वक्त निकालकर कर सोचिये,
पशु-पक्षी प्रकृति को संतुलित बनाये रखने में मदत करते हैं,
अगर वो विलुप्त हो रहे हैं,
तो वो दिन दूर नहीं जब इस धरती से,
इंसान की प्रजाति भी विलुप्त होने लगे”
Animal Poetry For Kids
“बेजुबानों के जान की भी कीमत,
उतनी ही है जितनी इंसान की,
जिस प्रकार इंसान की ऊँगली कट जाने पर दर्द होता हैं,
वैसे ही उन्हें भी दर्द होता हैं,
इंसान ही एक ऐसा जीव है,
जो धन-दौलत में ख़ुशी ढूंढता है”
उम्मीद करता हूँ दोस्तों यह लेख आपको पसंद आया होगा. यदि आपको जानवरों पर दी गई कविताएँ पसंद आई हो तो अपने फ्रेड्स के साथ भी शेयर करें.
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