Kids Poem About Birds :- वर्षा ऋतू पृथ्वी की सबसे प्यारी और खुबसुरत ऋतू मानी जाती है. यह मौसम पृथ्वी को खुबसूरत श्रृंगार प्रदान करती है. धरती पर रहने वाले मनुष्यों से लेकर, पेड़-पौधे, नदियाँ, जीव-जंतु, फसलें, आदि में एक कभी न ख़त्म होने वाली ख़ुशी का विकास होता है. इस मौसम में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छाई रहती है .
बारिश के दिनों में मोरों का नाचना, चिड़ियों को बादल के साथ उड़ना देख मन हर्ष से आनंदित हो जाता है. बाग- बगीचें फल-फुल से सज जाते है. प्रकृति अपनी श्रृंगार के बाँहों में सिमटी होती है ऐसा लगता है जैसे मानो स्वर्ग का आगमन पृथ्वी पर पर हुआ है.
बारिश की पहली बूंद जब शारीर पर पड़ती है, तो एक खुशनुमा शांति देती है जिसकी चाहत मनो वर्षो से हो. ऐसे ही विचार धारा प्रसिद्ध कवियों द्वारा बारिश पर कविता के माध्यम से दिया है जो वास्तव में बारिश के खुबसूरत लम्हों की याद दिलाती है.
वर्ष की सारी ऋतुओ में से वर्षा ऋतू सबसे सुहावनी होती है. क्योकि इस ऋतु में खूब बारिश होती है जिसकी वजह से मौसम में चार चाँद लग जाते है. यह ऋतु बच्चे व बड़े सबको भाति है. इस लौसम में चारो तरफ हरियाली हो जाती है जो मन को लुभाती है, ठंडी-ठंडी हवाए चलती है जो गर्मी से राहत प्रदान करती है. लोग बारिश में नहाकर उसका आनंद लेते है तो कई लोग इस मौसम में घूमकर. यह मौसम इतना प्यारा होता है की इसमें लोग गुनगुना, और गाने सुनना भी पसंद करते है.
5 Best Poem on Rain in Hindi
इस प्रकार, स्कूलों में भी बच्चो को शिक्षको द्वारा बारिश पर कविताये लिखने को दी जाती है. इसलिए हम आपके के लिए यह पोस्ट “5 Best Poem on Rain in Hindi” लेकर आये है जो छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है. इस पोस्ट में बहुत ही अच्छे लेखकों द्वारा लिखी कविताओं का संग्रह है। यह पोस्ट सभी कक्षा और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए वर्षा ऋतु पर कविता लिखने में सहायक होंगी.
“रिमझिम रिमझिम सी बूंदे जग के आंगन में आयी,
अपने लघु उज्जवल तन में कितनी सुंदरता लायी,
मेघों ने गरज-गरज कर मादक संगीत सुनाया,
इस हरी-भरी संध्या ने हमको उन्मत्त बनाया,
सूखी सरिताओं ने फिर सुंदर नवजीवन पाया,
लघु लहर लहर पर देखो सौंदर्य नाचने आया,
वन उपवन पनप गए सब कितने नव अंकुर आए,
वे पीले पीले पल्लव फिर से हरियाली लाएं,
वन में मयूर अब नाचे हंस हंस आनंद मनाएं,
उनकी छवि देख रही है नव सी घनघोर घटाएं,
प्रतिपल हम नाचे खेलें जगजीवन मधुर बनाए,
अपने छोटे से घर में सुख का संसार बसाएं”
“वर्षा आई बहार आयी, प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई,
पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई,
वर्षा आई बहार आयी,
किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई,
प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई,
वर्षा आई बहार आयी, मन आनंद से झूम उठा,
वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा,
वर्षा आई बहार आयी,
जीवन का सारा दुख दर्द ना जाने कहां गुम हो गया,
वर्षा आई बहार आयी”
Best Free Kids Poem About Birds
“बारिश का मौसम है आया,
हम बच्चों के मन को भाया,
‘छु’ हो गई गरमी सारी,
मारें हम मिलकर किलकारी,
काग़ज़ की हम नाव चलाएँ,
छप-छप नाचें और नचाएँ,
मज़ा आ गया तगड़ा भारी,
आँखों में आ गई खुमारी,
गरम पकौड़ी मिलकर खाएँ,
चना चबीना खूब चबाएँ,
गरम चाय की चुस्की प्यारी,
मिट गई मन की ख़ुश्की सारी,
बारिश का हम लुत्फ़ उठाएँ,
सब मिलकर बच्चे बन जाएँ “
“मुखिया के टपरे हरियाये बनवारी के घाव,
सावन की झांसी में गुमसुम भीग रहा है,
गाँव धन्नो के टोले का तो हर छप्पर छलनी है,
सब की सब रातें अब तो आँखों में कटनी हैं,
चुवने घर में कहीं नहीं खटिया भर सूखी,
ठाँव निंदियारी आँखें लेकर खेतों में जाना है,
रोपाई करते करते भी कजली गाना है,
कीचड़ में ही चलते चलते सड़ जाएंगे पाँव”
“बारिश जब आती है ढेरो खुशिया लाती है,
प्यासी धरती की प्यास बुझाती है,
धुलो का उड़ना बंद कर जाती है,
मिटटी की भीनी सुगंध फैलाती है,
बारिश जब आती है ढेरो खुशिया लाती है,
भीषण गर्मी से बचाती है शीतलता हमें दे जाती है,
मुसलाधार प्रहारों से पतझड़ को भागाती है,
बहारो का मौसम लाती है बारिश जब आती है,
ढेरो खुशिया लाती है चारो ओर हरियाली फैलाती है,
Best Free Kids Poem About Rains
नदियों का पानी बढाती है तालाबो को भर जाती है,
बारिश जब आती है ढेरो खुशिया लाती है,
बारिश के चलते ही खेती हो पाती है,
किसानो के होठो पे मुस्कान ये लाती है,
रिमझिम फुहारों से सुखा मिटाती है,
बारिश जब आती है ढेरो खुशिया लाती है,
मोरो को नचाती है पहाड़ो में फूल खिलाती है,
बीजो से नए पौधे उगाती है बारिश जब आती है ढेरो खुशिया लाती है”
“काली घटा छाई है लेकर साथ अपने यह ढेर सारी खुशियां लायी है,
ठंडी ठंडी सी हव यह बहती कहती चली आ रही है,
काली घटा छाई है कोई आज बरसों बाद खुश हुआ,
तो कोई आज खुसी से पकवान बना रहा बच्चों की टोली,
यह कभी छत तो कभी गलियों में किलकारियां सीटी लगा,
रहे काली घटा छाई है जो गिरी धरती पर पहली बूँद देख,
ईसको किसान मुस्कराया संग जग भी झूम रहा जब चली हवाएँ,
और तेज आंधी का यह रूप ले रही लगता ऐसा कोई क्रांति,
अब सुरु हो रही छुपा जो झूट अमीरों का कहीं गली में गढ़ा तो,
कहीं बड़ी बड़ी ईमारत यूँ ड़ह रही अंकुर जो भूमि में सोये हुए थे,
महसूस इस वातावरण को वो भी अब फूटने लगे,
देख बगीचे का माली यह खुसी से झूम रहा,
और कहता काली घटा छाई है,
साथ अपने यह ढेर सारी खुशियां लायी है”
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Interesting Make Humor Poetry In Hindi